Richa Chadha ने Nora Fatehi के नारीवाद विचार को बताया गलत ऋचा चड्ढा अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं. वह हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखती हैं. ऋचा चड्ढा से नोरा फतेही के नारीवाद पर विचार के बारे में पूछा गया. ऋचा चड्ढा ने कहा कि वह नोरा से पूरी तरह सहमत नहीं हैं. By Asna Zaidi 09 May 2024 in ताजा खबर New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर ऋचा चड्ढा अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं. वह हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखती हैं. इन दिनों वह वेब सीरीज 'हीरामंडी' को लेकर सुर्खियों में हैं, जिसमें एक्ट्रेस ने 'लज्जो' का किरदार निभाकर दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स का भी दिल जीत लिया है. ऐसे में हाल ही में एक इंटरव्यू में ऋचा चड्ढा से नोरा फतेही के नारीवाद पर विचार के बारे में पूछा गया. ऋचा चड्ढा ने कहा कि वह नोरा से पूरी तरह सहमत नहीं हैं. ऋचा चड्ढा को पसंद नहीं आई नोरा फतेही की नारीवाद वाली बात दरअसल एक इंटरव्यू में ऋचा चड्ढा ने कहा,"नारीवाद के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह उन लोगों को स्वीकार करता है जो नारीवाद के लाभ चाहते हैं लेकिन नारीवादी होने से इनकार करते हैं. कोई इंसान अपना करियर बनाने में सक्षम है, वह चुन सकता है कि वह क्या पहनना चाहता है, वह कहां काम करना चाहता है, वह स्वतंत्र होना चाहता है, ये ऑप्शन उसके पास हैं, इसका कारण नारीवाद है और उन पूर्वजों की वजह से है जिन्होंने तय किया कि महिलाओं को घर पर रहने की बजाय बाहर जाकर काम करना चाहिए. इसलिए मुझे लगता है कि यह 60 के दशक के अंत में ब्रा जलाने की कुछ गलत सूचनाओं वाली अराजकता के सीन के प्रति एक गलत प्रतिक्रिया है. यह वास्तव में कोई वास्तविक समझ नहीं है. सभी भूमिकाएं लिंग भूमिकाओं के रूप में परिभाषित नहीं की जाती हैं, बल्कि ऐसे लोगों के रूप में परिभाषित की जाती हैं जो एक बच्चे को दुनिया में लाने की जिम्मेदारी शेयर करते हैं और मैं इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं हूं कि महिलाओं को इस तरह होना चाहिए और इस तरह नहीं. मुझे आश्चर्य है कि ऐसा बिल्कुल भी कहा गया". नारीवाद को नोरा फतेही ने कही थी ये बात "मुझे किसी की जरूरत नहीं है, नारीवाद का ये विचार. मैं इस बकवास में विश्वास नहीं करती. हकीकत में, मुझे लगता है, नारीवाद ने हमारे समाज को बर्बाद कर दिया है. स्वाभाविक रूप से पूरी तरह से स्वतंत्र होने और शादी न करने और बच्चे पैदा करने और घर पर पुरुष और महिला की गतिशीलता न होने का विचार, जहां पुरुष प्रदाता, कमाने वाला और महिला पोषण करने वाली होती है. मैं उन लोगों पर विश्वास नहीं करती जो सोचते हैं कि यह सच नहीं है. मुझे लगता है कि महिलाएं पालन-पोषण करने वाली होती हैं, हां, उन्हें काम पर जाना चाहिए और अपनी जिंदगी जीनी चाहिए और एक हद तक स्वतंत्र होना चाहिए. उन्हें एक मां, एक पत्नी और एक पालनहार होने की भूमिका निभाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे एक पुरुष को एक प्रदाता, एक कमाने वाला, एक पिता और एक पति होने की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए. हम इसे पुराने जमाने की, पारंपरिक सोच कहते हैं. मैं इसे सामान्य सोच कहती हूं. बस इतना है कि नारीवाद ने इसे थोड़ा गड़बड़ कर दिया है. हम सभी भावनात्मक चीजों में समान हैं लेकिन सामाजिक चीजों में हम समान नहीं हैं. नारीवाद स्वाभाविक रूप से, आधार स्तर पर, महान है. मैं महिलाओं के अधिकारों की भी वकालत करती हूं, मैं भी चाहती हूँ कि लड़कियां स्कूल जाएं. हालांकि, जब नारीवाद कट्टरपंथी हो जाता है, तो यह समाज के लिए खतरनाक हो जाता है". Read More: सोनाक्षी ने हीरामंडी के लिए संजय लीला भंसाली का किया आभार व्यक्त अमूल इंडिया ने की संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज हीरामंडी की तारीफ विजय देवरकोंडा ने फैंस को दिया एक और गिफ्ट, अपनी नई फिल्म का किया एलान विजय देवरकोंडा ने अपने बर्थडे पर शेयर किया फिल्म SVC59 का फर्स्ट लुक #Richa Chadha हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article